यूपी चुनाव 2022: बलिया के रसड़ा विधानसभा का हाल, सड़कें तो बनी, चीनी-कताई मिल नहीं हो सके चालू

यूपी चुनाव 2022: बलिया के रसड़ा विधानसभा का हाल, सड़कें तो बनी, चीनी-कताई मिल नहीं हो सके चालू

Girl in a jacket

बलिया की एकमात्र औद्योगिक क्षेत्र वाली रसड़ा विधानसभा से बहुजन समाज पार्टी से उमाशंकर सिंह लगातार दूसरी बार विधायक हैं। वर्ष 2012 से पहले ये सुरक्षित सीट हुआ करती थी। 2012 में सीट के सामान्य घोषित होने के बाद से ही इस पर उमाशंकर सिंह का कब्जा है। क्षेत्रीय विधायक जहां सड़कों के साथ ही अन्य विकास कार्य कराने तथा लोगों के सुख-दुख में साथ रहने का दावा करते हैं, वहीं विपक्ष विकास कार्यों को लेकर ही उन्हें घेरने की तैयारी कर रही है। भले ही रसड़ा की सड़कें अन्य विधानसभाओं से बेहतर हैं, लेकिन विधानसभा की बड़ी समस्याएं और मुद्दे ज्यों के त्यों बने हुए हैं। बसपा के ही एक पूर्व विधायक ने रसड़ा को जिला बनाने का मुद्दा उठाया था, लेकिन वो आज तक ठंडे बस्ते में है। पड़ोस के जनपदों में चीनी मिलों को चालू किया जा रहा है यहां बंद पड़ी हुई है। बंद पड़ी कताई मिल चालू करने के लिए कर्मचारी आंदोलनरत है। नगर में जल निकासी की समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है। मुंसिफ न्यायालय बनाने की मांग भी वर्षों से लंबित है। कुल मतदाता- 354332 पुरुष 193335 महिलाएं 160982 अन्य 15 प्रमुख स्थान : रसडा, चिलकहर, नगरा विधायक निधि सड़कों और स्वास्थ्य सेवाएं पर खर्च। बोले विधायक क्षेत्रीय विधायक उमाशंकर सिंह ने बताया कि विधानसभा में विकास को गति प्रदान की गई है। बिजली व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए 75 ट्रांसफार्मर लगाया गया है। पेयजल, सड़क, नाली पर कार्य कराया गया है। नगर का सुंदरीकरण कराया गया है। सैकड़ों असहाय गरीब बच्चों को मुफ्त शिक्षा दिलवाई जा रही है। गरीब, असहाय लोगों चिकित्सा की व्यवस्था के साथ शादी विवाह में मदद की गई है। गरीबों का जनपद के साथ वाराणसी, लखनऊ तक इलाज कराया गया है। जाति-धर्म से ऊपर उठकर सेवाभाव से कार्य किया गया है। हर गांव को सड़क से जोड़ा गया है। शहीद रूदल यादव का गेट, सब्जी मंडी में आरओ प्लांट, बहोरा पिपरा पट्टी में पानी टंकी, 50 लोगों को विधायक निधि से चिकित्सा सहायता दी गई है। चीनी मिल, कताई मिल सहित शिक्षा एवं चिकित्सा सेवाओं की बेहतरी के लिए हमेशा ही सदन में आवाज उठाता रहता हूं।

उपलब्धियां

--दो विद्युत सब स्टेशन चोगड़ा और माधोपुर का निर्माण। --लखनेश्वर डीह से गोविंद शाह, चिंतामनीपुर होते हुए सरया डिहवा तक 50 किमी डबल लेन सड़क। --50 गांव में पानी की टंकी का निर्माण। --रसड़ा के सभी चौराहों का सौंदर्यीकरण। --देवस्थली गेट से उचेड़ा चंडी माई होते हुए मटिही रोड तक डबल लेन सड़क। --नीबू काली मंदिर से नरनी होते हुए सिधागरघाट तक डबल लेन

प्रतिद्वंद्वी की बात

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पिछले चुनाव में दूसरे नंबर पर रहे पूर्व विधायक राम इकबाल ने कहा कि पिछले 10 वर्ष में रसड़ा की मर्यादा ध्वस्त की गई है। विधायक ने जनता के लिए कुछ काम नहीं किया गया। ठेका लेने के लिए हर दल में सजदा किया है। जनहित के मामले को लेकर धारा 144 तक कभी नहीं तोड़ी है। विधायक जनप्रतिनिधि नहीं ठेकेदार हैं। सड़क बनाना सरकार का काम है। नाथ नगर का दुर्भाग्य है कि वहा का जनप्रतिनिधि ठेकेदार है। धोखाधड़ी में वांटेड होते हुए भी सदन में बैठते थे। एक भी स्कूल, अस्पताल, विद्युत स्टेशन नहीं दे पाए। चीनी और कताई मिल बंद है। कभी प्रयास नहीं किया। ठेके के कारण सदन में तेवर नहीं दिखेगा।

आरोप

--जनेश्वर मिश्र सेतु का एप्रोच आज तक नहीं बना। -- मानव विकास के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य जैसे विकास कार्य शून्य हैं। -- विधायक निधि का पत्थर कहीं नहीं दिखा। -- कमर्शियल स्कीम के तहत विद्युत ट्रांसफार्मर की क्षमता बढ़वा कर अपने निधि का बोर्ड लगवाया है। -- कोरोना काल में चोरी के ऑक्सीजन सिलेंडर पर अपना नाम लिखवाकर बांटे थे।

इस बार हो सकता है बदलाव

वर्ष 2012 में यह सीट सुरक्षित से सामान्य हुई थी। सामान्य सीट होने से अब तक बसपा से उमाशंकर सिंह विधायक हैं। इस बार भी बसपा से उम्मीदवार है। भाजपा ने पूर्व सांसद बब्बन राजभर पर अपना दांव खेला है। सपा-सुभासपा गठबंधन का अभी प्रत्याशी घोषित न होने से ऊहापोह है। विधायक उमाशंकर सिंह को घेरने की पूरी तैयारी भाजपा और सपा गठबंधन की है। विधानसभा में दूसरी सबसे अधिक आबादी को देखते हुए भाजपा ने बब्बन राजभर पर दांव लगाकर सपा-सुभासपा के गणित को भी उलझा दिया है।

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